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कारेम नमेया दिसुम(हो शिष्ट गीत)- दुर्गा पुरती JSSC

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कारेम नमेया दिसुम,  नबु जोनोम दिसुम लेका कारेम नमेया। बुरु कोते गाड़ा कोते,  बाकाइया कन बियुर सेकोर कारेम नमेया। सिंगीम नेली रिमिल पायं,  निपलि चन्डुः जिलब जोलोब कारेम नमेया। बाड़ा कना डाली मुतिड्,  जेंगा पुन्डी लील गुलाब कारेम नमेया। पेरे आकना जिनिस कोते,  सोना हीरा बिचा ताम्बा कारेम नमेया। दिसुम नोड़ो को नासुल तना,  'टाटा' लेकन कारखाना कारेम नमेया। 'पुरती' सारीम काजी तना,  ने लेकान सुन्दोर दिसुम कारेम नमेया।  - दुर्गा पुरती hogkkahan/karem nameya disum

हेस्सा सुरनिया : हक अधिकार लगिड् अनिश्चितकालीन धरना होबाना

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  पश्चिमी सिंहभूम ( सोनू हेस्सा ) : पश्चिमी सिंहभूम रेयः टोंटो प्रखंड रे मेन: हेस्सा सुरनिया हतु रे दिलङ 06 अप्रैल मुसिङ पंचायत समिति सदस्य नीमडीह जयराम हेस्सा तिकिञः गुसिया रे दुनुब होबा लेना। हेस्सा सुरनिया  रे  मेन: एकलव्य विद्यालय रे हतु रेन होन को लगिड् जगा रकाओ चा (आरक्षण) मेनते दुनुब होबा लेना।  दुनुब रे जगारेयाना चि नेन दुनह टोंटोएते मोयो चि मोएया गे (5) होन को पास तडा, एनदो एकलव्य विद्यालय लगिड् ओते एम केड् तेयः चिकन लाभ। दुनुब रे सबिन तेको कजि केडा चि बोलोक मुतिड् एकलव्य विद्यालय चिकन लगिड्। एटःए तेन होन को लगिड् चि मेनतेको कजि केडा । होन कोवः हक अधिकार लगिड् अनिश्चितकालीन धरना रे दुबेन तेय: जनागर को होबा यना। सोरकर कजि कएः मनातिञः एनदो अबु अबुह लड़ाई रे कबु उसाना मेन तेको कजि केडा। नेन दुनुब रे टोंटो प्रखंड रेयः पुरनापानी , सुन्डी सुरनिया , केंजरा , सालीकुटी , कुचिया , चालगी ओन्डो: हेस्सा सुरनिया हतुए ते कोवा कुई तेको हुजुःउ लेना हतु रेय: दुनुब चनब रेय: पटिक 

अंतराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी जयपाल सिरका तिकीने: एलादारोम होबायना

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              आदिवासी हो समाज युवा महासभा पायते एलादाहरा यना: जयपाल सिरका    चाईबासा : अंतरास्ट्रीय फुटबॉलर जयपाल सिरका चाईबासा हुजु:यन रे आदिवासी हो समाज युवा महासभा ओन्डो: इनुङ् कोरे जांगी मिसा कन को चाईबासा तम्बो चौक रे रांसा रासिका तेको दारोम कि:या। जयपाल सिरका जोका दिन अयर गे थाईलैंड रेयः पटाया रे 20 मार्च यते 30 मार्च जोका होबा लेन एएफसी सॉकर एशियन कप 2025 रे हिताडे इडी लेडा। नेन बदाबादि रे 11 दिसुम रेन खिलाड़ी हितड् को इड लेडा ओन्डो: ब्हरोत रेन टीम 18 सिरमा चनब नेन एशियन कप फुटबॉल टूनार्मेंट रे हितड इडी तेय: मौका को नम लेडा मेंदो नॉकआउट रे कको हुजु दइ यना। एन रेयो गे कोल्हान रेयः नेन ओतेए ते आदिवासी हो हुदा रेन खिलाड़ी जयपाल सिरका तिकीन अंतरास्ट्रीय स्तर रे अपन: ओन्डो: समाज रेयः उनुरूम किङ् उदुब सोदोर केडा ओन्डो: नुतुम किङ् रिका केडा। नेन रांसा गे कोल्हान टयड रे तइयना। जयपाल सिरका एलादारोमि लागिड ते चाईबासा पोस्ट ऑफिस त:अ रे आदिवासी हो समाज युवा महासभा ओन्डो: एसु पूरे हो को सपड़ाओ ...

Korang Kakla कोरङ् ककला 06 हो न्यूज़ पेपर

कोरङ् ककला हो न्यूज़पेपर एकमात्र हो हुदा रेया: न्यूज़पेपर तना। नेन न्यूज़पेपर रेया माध्यम ते हो हुदा रेय: चाल चोलोन को मिडो आरसि लेका तेबु नेल नमेया। अबेन अबेन: कोबोर को जुदी नेन कोरङ् ककला रे एमे सनंग मेन: एन रेदो korangkakla@gmail.com रे ओल कुलेयाबु। नेन कोबोर सकम मि हाटो रे मिसा रूइहर मुसिंग गे ओल्ला। कोबोर कोलो:ते हो शायरी, हो चुटकुला,एमन: को मेन:। सनागोम रेय: देंगा रे अबेना: जोका लेकन देंगा एसु गे मारङोअ। पूरे: ते पूरे: शेयरे चाबु। नेन रे ऑनलाइन पढ़ाओ दइयो:आ ⤵️⤵️⤵️⤵️ फ्लिपबूक नेन रेबु पढ़ाओया शेयरेयाबु,पुरे: ते पुरे:

Korang Kakla - कोरङ् ककला

कोरङ् ककला हो हुदा रेय:कोबोर सकम सबिन बु नेलेया ओन्डो: पड़ावयबु। नेन कोरङ् ककला रे हो हुदा रेय: कोबोर को, लेख को, हो शायरी को, आरग:ए जगर को ओन्डो: एसु बुगिन बुगिन कथा कहानी को ओला कना, आसरा मेन: अपेमन को रांसाओआ ओन्डो: हटिङ् हपाटिङा। हो हुदा रेय: सनागोम बिरिड बेरेड नं कोबोर सकम को रेय: एसु गे देंगा तइना। मेनेयाको सनागोम गे हुदा रेय::आरसि दो, सनागोम तेगे हुदा बुगिन होरा ते सेसेना।  पढ़ाओयबु⤵️⤵️⤵️   पीडीएफ नेनत:ए ते डाऊनलोड दइयोअ   eBook/फ्लिप्बूक नेन रेबु नेलेया

मान्डो (बागे) सरदार (हो वीर)

  मान्डो (बागे) सरदार झा रखंड के समीप उड़ीसा राज्य के मानवीर गांव मान्डो सरदार के कारण प्रसिद्ध है। मान्डो के पिता माधो सरदार तथा माता अच्छी सरदार। माधो तथा अच्छी सरदार के तीन बेटों में मान्डो, मधो एवं लेबेया था। मान्डो सरदार का बीर बोल गांव के रायमुनी बिरूवा से प्रेम विवाह हुआ था। उनका इकलौता पुत्र बेरगा एवं बहु सोनामुनी से एक लड़का रघुनाथ तथा बेटियों में फूलमनी एवं रायमुनी। रायमुनी का जन्म 1942 में हुआ था जो कि अब तक जीवित है। 65 वर्ष होने के बावजूद स्वस्थ एवं तंदुरूस्त हैं। रायमुनी सिर्फ फल और दूध ही पीती हैं। फूलमनी की शादी हो गयी थी लेकिन रायमुनी अविवाहित है। बड़े बेटे रघुनाथ का मैट्रिक की पढ़ाई के दौरान ही मृत्यु हो गयी। मान्डो तीन भाईयों में सबसे ज्यादा खाना खाता था और काम में आलसी था। बहुत जिद्दी होने के कारण वह किसी का बात नहीं सुनता था। इसलिए पिताजी बहुत गाली एवं डांटते रहते थे। एक बार की बात है किशोर अवस्था में ही उसके पिता द्वारा गाली देने पर दुखी होकर मयूरभंज की ओर जंगल से होकर जाने लगा था कि जंगली बीहड़ संकट रास्ते में आदमी पूजा करने वाले पुजारियों ने मान्डो को मारने ...

भाषा का महत्व

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 एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक बच्चा था जिसका नाम रिमिल था। रिमिल को अपनी मातृभाषा, हो भाषा, बोलने में बहुत गर्व महसूस होता था। लेकिन जब वह शहर के स्कूल में पढ़ने गया, तो उसे अन्य भाषाओं का भी ज्ञान होना जरूरी था। शहर के बच्चे उसकी भाषा का मजाक उड़ाते और उसे अलग-थलग महसूस कराते। रिमिल दुखी हो गया और उसने अपनी भाषा बोलना छोड़ दिया। लेकिन एक दिन, एक नए शिक्षक ने स्कूल में आकर बच्चों को विभिन्न भाषाओं की सुंदरता और महत्व समझाया। शिक्षक ने रिमिल को भी प्रोत्साहित किया और उसे अपनी भाषा में एक कविता सुनाने को कहा। रिमिल ने धीरे-धीरे अपनी भाषा में कविता सुनाई और सभी बच्चे मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने रिमिल की भाषा की सराहना की और उससे हो भाषा सीखने की इच्छा जताई। इस घटना ने रिमिल को अपनी भाषा के प्रति फिर से गर्व महसूस कराया और उसने अपने साथियों को हो भाषा सिखाना शुरू किया। गाँव और शहर के बच्चे एक साथ मिलकर हो भाषा में गीत गाने लगे और उनकी दोस्ती गहरी हो गई। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हर भाषा की अपनी एक अनूठी सुंदरता होती है और हमें अपनी भाषा के प्रति गर्व महसूस करना चाहिए।